दिनचर्या अधिक व्यस्त होने एवं खानपान में अव्यवस्थिता होने के कारण अधिकतर ऐसे लोग हैं जो पाचन समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिस कारण से वे लोग दूसरे अन्य चिकित्सीय समस्याओं से ग्रस्त हो जाते है। यदि हमारा पाचन खराब है, तो इसके जिम्मेदार हम स्वयं ही है, और जिन रोगों से हम पीड़ित हैं उनमें से अधिकांश हमारे खराब पाचन से ही शुरू होते हैं। भारतीय जीवन शैली और खानपान में हमारे पास अनेको उपाय है, जिससे हमें खराब चल रहे पांचन तंत्र को मजबूत बना सकते है और इस समास्या से पूर्ण रूप से निजात पा सकते है। अपने इस लेख के माध्यम से उन उपाये के बारें में बताना चाहता हॅू, जिससे यदि आप पांचन तंत्र की समास्या से परेशान है तो आपको जरूर फायदा पहुंचेगा।
जलजीरा बनाने की
विधि
यह कमजोर पाचन तंत्र
के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है।
1. एक ठंडा गिलास
पानी लें
2. इस पानी में स्वादअनुसार
भूना जीरा पाउडरए काला नमकए अमचूर पाउडर और चीनी या शक्कर डालें
हींग एक और शक्तिशाली
मसाला है जो गैस को शांत करने और पाचन तंत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद
करता है। बस एक गिलास गर्म पानी में दो चुटकी हींग मिलाएं और भोजन की संख्या से 30
मिनट पहले पियें।
Psyllium भूसी (इसबगोल)
यदि आप कब्ज या दस्त
से पीड़ित हैं, तो एक Psyllium भूसी वह है जो आपको सेवन करना चाहिए। इसका काम यह रहता
है कि आपके पाचन तंत्र से अंदर की गंदगी को अच्छी तरह से साफ कर देता है। यदि आप कब्ज
से पीड़ित हैं, तो रात को सोने जाने से 30 मिनट पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच
पाउडर मिलाएं और इसे पी लें। सुबह तक आपको पूर्णतः इससे फायदा पहुचेगा। और यदि आप दस्त
से पीड़ित हैं, तो सुबह खाली पेट दही में एक चम्मच एक उप-गोल मिलाएं। । इस मिश्रण के
साथ एक बात है कि इसे तुरंत खपाना चाहिए क्योंकि यह आसानी से तरल को अवशोषित कर लेता
है।
अजवाईन के बीज :
पेट की बीमारियों
से छुटकारा अजवाइन पेट की कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। वजन घटाने में मददगार अजवाइन
वजन घटाने में भी काफी मददगार है। सर्दी.जुकाम और खांसी में राहत। गठिया दूर करे मसूड़ों
की सूजन , पीरियड्स के दर्द से छुटकारा से मिलता है।
सौंप के बीज :
सौंप को नियमित रूप
से खाना भी बहुत लाभदायक होता है। सौंप हमारे वात तथा पित्त को शांत करता है, भूख बढ़ाता
है, भोजन को पचाता है, वीर्य की वृद्धि करता है। हृदय, मस्तिष्क तथा शरीर के लिए लाभकारी
होता है। यह बुखार, गठिया आदि वात रोग, घावों, दर्द, आँखों के रोग, योनि में दर्द,
अपच, कब्ज की समस्या में फायदा पहुंचाता है। इसके साथ ही यह पेट में कीड़े, प्यास,
उल्टी, पेचिश, बवासीर, टीबी आदि रोगों को ठीक करने में भी सहायता करता है। इसके अलावा
सौंफ का प्रयोग कई अन्य रोगों में भी किया जाता है
एलोवेरा जूस
सुबह सवेरे खाली पेट में एलोवेरा का
जूस पीने से त्वचा और सेहत संबंधी कई परेशानियां दूर हो जाती है। इसमें कैल्शियम, जस्ता,
तांबा, पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में
पाया जाए जाते है। जो कई बीमारियों को रोकने में सक्षम है।
यदि आप नियमित रूप से एलोवेरा जूस का सेवन करते है तो यह आपकी आंत में पानी की मात्रा को बढ़ाता है, और मल को पास करने में आपकी मदद करता है। एलोवेरा जूस को पीने के लिये आपको आम तौर पर 20 मिलीलीटर एलोवेरा जूस को गर्म पानी में मिलाएं और तेज परिणामों के लिए इसे सुबह खाली पेट लें।
दिनचर्या में पर्याप्त
मात्रा में पानी पीना बृहदान्त्र को शुद्ध करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों और ठोस
अपशिष्ट को स्वाभाविक रूप से हटाने के लिए सबसे प्रभावी प्रक्रिया है। हमें प्रतिदिन
3 से 4 लीटर पानी पीना आवश्यक है। इसलिये हमें अपने साथ पानी की बोतल हर समय रखे ताकि
आप प्रर्याप्त मात्रा में पानी पी सके। विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि हमें भोजन करते
समय बीच बीच में पानी का सेवन नहीं जाना चाहिए, ताकि भोजन के साथ पानी पीने के साथ
या भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से भोजन को पतला कर देगा, जिससे पाचन प्रक्रिया में
बाधा उत्पन्न करेगा। इसलिये भोजन करने के पश्चात पानी पीनें में कम से कम 30 मिनट का
अंतर रखें।
जो भोजन हम ग्रहण
करते हैं, वह हमारे पाचन तंत्र पर भारी प्रभाव डालता है। कृत्रिम रंगों के साथ प्रोसेस्ड
डीप.फ्राइड और रिफाइंड खाद्य पदार्थों और खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से आंत की
भीतरी दीवारों पर चिपक जाने की प्रवृत्ति होती है जिससे पाचन प्रक्रिया मुश्किल हो
जाती है। इसके बजाय, फाइबर युक्त साबुत अनाज जैसे जई, बाजरा पूरे गेहूं, ब्राउन राइस
और नट्स चुनें। प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ जैसे दही, छाछ, लस्सी को अपने दैनिक आहार
में शामिल करने की भी सिफारिश की जाती है क्योंकि ये आपके आंत में अच्छे बैक्टीरिया
को बढ़ाते हैं।
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