ईश्वर का सबसे सुंदर उपहार है आँखेंनमन उस प्रभु को जिसने हमें दी है ये प्यारी
आँखें
आँखे मानव
शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है । ऑंखों के बिना संपूर्ण सृष्टि का आनंदमय जीवन
जीना संभव नहीं है । ऑंखे पूर्णत- स्वारूथ्य है, तो उम्र के अधिक होने पर भी पढने, लिखने में कोई परेशानी नही होगी और आप दूर या पास की दृष्टि दोष से भी मुक्त
रहेगें। साथ ही चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, इसलिये ऑंखों को स्वास्थ्य रखे एवं दृष्टि शक्ति बढ़ाये ।
आंखों की
रोशनी कम होने के कारण:-
(2) टीवी – बहुत ज्यादा टीवी देखने की आदत, खासतौर से बेड पर लेटे हुये टीवी देखना आंखों के लिये नुकसान दायक होता है।
(3) मोबाईल - मोबाईल पर लगातार गेम खेलने या देर रात तक कम रोशनी में मोबाईल चलाने से आंखों में बहुत बुरा असर पड्ता हैं ।
(4) कम लाईट में पढाई – कम लाईट में पढाई करना ऑखों के लिये हानिकारक है। साथ ही बेड पर सोते हुये किताबे पढने की आदत है, तो यह भी आंखों को नुकसान पहुचता है।
(5) धूम्रपान – धूम्रपान करने से आंखो की नसो पर जलन या फिर दबाब पडता है, यह आपके ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुचाता है और कई अन्य चिकित्सा समस्याओं के बीच मोतियाबिंद, धब्बेदार अध: पतन की संभावना बनाता है।
(6) धूप का चश्मा पहनें - बिना चश्में के वाहन / गाडी चलाने से आंखों में धूल-मिटटी जाती है, जिससे आंखो में सुजन, जलन होने लगती है, धीरे-धीरे आंखो को नुकसान होने लगता है । बहुत अधिक धूप की रोशनी (किरणे यूवी) आंख की रेटीना को सकुडता है, जिससे आंखो में चिकित्सीय समास्या उत्पन्न होती है।
आंखों
को पूर्ण स्वास्थ्य रखने हेतु उपाय (Eyes Health Tips)
- ध्यान रहे कि कमरे की रोशनी और टीवी / कम्प्यूटर स्क्रीन की चमक बराबर हो।
- कम्प्युटर पर काम करते समय एंटीग्लेयर स्क्रीन, एंटीरिफलेक्टिव कोटेड या यूवी प्रोटेक्टेड चश्में का प्रयोग करें
- मोबाईल पर
सेप्टी गिलास लगाये एवं मोबाईल लाईट की तीव्रता कम रखे साथ ही कमरे या बाहर के
वातावरण के पर्याप्त रोशनी में ही मोबाईल का उपयोग करे
पढने के लिये अलग निश्चित बैठक की जगह हो, जहॉं पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो । - धूप का चश्मा पहनें, आंखों को सूरज की पराबैंगनी (यूवी) किरणों से बचाने में मदद करेगी।
- आंखों के सबसे फायदेमद चीज है, तो वह है अखरोट, अखरोट को खाने में अवश्य शामिल करे।
- आंखों के लिये आंवला बहुत लाभदायक होता है, इसे आवंला का रस, आचार एवं जूस आदि किसी भी रूप में खाया जा सकता है। इसे प्रतिदिन खाने में उपयोग करें।
- प्रतिदिन 2-4 बादाम रात को पानी में फुलाकर रख दे, और सुबह सुबह खाने में नियमित रूप से उपयोग करें
खानपान– हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे केल, पालक, अंडे, नट्स, बीन्स और अन्य गैर-प्रोटीन प्रोटीन स्रोत़, संतरे और अन्य खट्टे फल या रस, ओमेगा -3 फैटी एसिड, ल्यूटिन, जिंक और विटामिन सी और ई जैसे पोषक तत्व, गाजर, बदाम का खाने में उपयोग करें, इन पोषक तत्वों में आखों के लिये भरपूर विटामिन तत्व पाये जाते है। मोतियाबिंद से बचाता है ।
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